अपने बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना उसके भविष्य के लिए अद्भुत काम कर सकता है। लेकिन हममें से अधिकांश इसे लेकर भ्रमित होते हैं कि कहां से शुरू करें। इसके अलावा हमारे पास इसके बारे में भी बहुत से सवाल हो सकते हैं कि - क्या आपको चाइल्ड फ्यूचर प्लान खरीदना चाहिए? या केवल अपनी बचत पर भरोसा करना चाहिए? बच्चे की शिक्षा की योजना कैसे बनाएं? एक भली-भांति सुविचारित और नियोजित दृष्टिकोण आपके बच्चे की शिक्षा के लिए आपकी योजना को सफल बनाने में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है। हमने यहां 6 सरल चरणों की सूची दी है, जिनका पालन करके आप अपने बच्चे की विदेश में उच्च शिक्षा के लिए तैयारी कर सकते हैं।
देशों को शॉर्टलिस्ट करें।
यह आपके बच्चे की विदेश में पढ़ाई के लिए योजना बनाने का पहला और संभवत: सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपको उन देशों को शॉर्टलिस्ट करने की जरूरत है, जो आपकी रकम के बदले सबसे अच्छी सेवाओं की पेशकश करते हैं। पाठ्यक्रम और देश की पसंद भविष्य में आपके बच्चे के हितों के हिसाब से भिन्न हो सकती है। इसलिए इसमें लचीलेपन का स्तर बनाए रखना और अपने विकल्पों को खुला रखना महत्वपूर्ण है।
खर्च का अनुमान लगाएं।
आपको उस राशि का अनुमान लगाने की आवश्यकता होती है, जो आपके बच्चे की विदेश में पढ़ाई के लिए आवश्यक होगी। इसमें न केवल ट्यूशन और परीक्षा शुल्क शामिल हैं, बल्कि रहने, भोजन, यात्रा और अन्य विविध खर्चों की लागत भी शामिल है। इसके अलावा आपको रुपए के मूल्य में गिरावट और बाजार मुद्रास्फीति जैसे कारकों पर भी विचार करने की जरूरत होती है। यद्यपि ऐसे कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं हैं, जो रुझानों की भविष्यवाणी कर सकें, लेकिन शैक्षिक सलाहकार आपको भारत में अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छी निवेश योजना चुनने में सहायता अवश्य प्रदान कर सकते हैं।
फंडिंग और अपने योगदान पर निर्णय लें।
अगले चरण में यह तय करना शामिल है कि आप अपने बच्चे की शिक्षा के लिए कैसे वित्त मुहैया कराने जा रहे हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपनी बचत या विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए तैयार किए गए कोष से वित्त मुहैया कराएं। आप आसानी से शिक्षा ऋण या बाल निवेश योजना भी चुन सकते हैं; हालांकि आपके पास ऋण के लिए बैंक से संपर्क करने का विकल्प भी है। आपको यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि बैंक पाठ्यक्रम शुल्क की केवल 85% रकम के लिए ही वित्त मुहैया कराते हैं। बाकी लागत छात्र को वहन करनी होती है। विशेषज्ञों द्वारा सुझाया गया एक पसंदीदा विकल्प यह है कि शिक्षा के लिए वित्त आंशिक रूप से म्यूचुअल फंड और अन्य इक्विटी के माध्यम से तथा आंशिक रूप से बचत के माध्यम से मुहैया कराया जाए। इसके लिए आप किसी सुयोग्य वित्तीय योजनाकार से परामर्श ले सकते हैं, जो आपको इक्विटी और निवेश के बारे में निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
जल्दी निवेश शुरू करें।
निवेश की शुरुआत करने को कभी भी जल्दबाजी नहीं कहा जा सकता। यदि आप यूलिप के लिए योजना बना रहे हैं या इक्विटीज या बॉन्ड्स या डेब्ट मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना चाहते हैं, तो हमेशा जितनी जल्दी संभव हो, शुरुआत करना बेहतर होता है। साथ ही आपके पास चाइल्ड पॉलिसी में निवेश करने का विकल्प भी होता है। जितनी जल्दी आप शुरुआत करते हैं, आपके लिए उतने ही बेहतर अवसर होते हैं कि जब तक आपका बच्चा बड़ा हो, तब तक आप एक महत्वपूर्ण राशि जमा कर लें।
अपने धन को अंत में कम जोखिम वाले फंड में स्थानांतरित करें।
विशेषज्ञ पहले के चरणों में बाजार में आक्रामक रूप से निवेश करने की सलाह देते हैं। शुरुआती चरणों में आप जोखिम उठा सकते हैं, जिससे आपको महत्वपूर्ण रिटर्न हासिल हो सकते हैं। हालांकि जैसे-जैसे आप अपनी परिपक्वता के करीब पहुंचते हैं, आपको जोखिम भरे निवेशों में कमी करने की आवश्यकता होती है। इसके बजाय आप अपने धन को अधिक सुरक्षित फंड और कम जोखिम वाले उपक्रमों में निवेश कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि वर्षों से आपके द्वारा जमा किया गया धन पूर्ववत बना रहे।